Kiran Mishra

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लेखनी कहानी -01-Jul-2023

प्रतियोगिता-

खड़ा हिमाचल बता रहा-

खड़ा हिमाचल बता रहा

डरो न आंधी पानी में

कुछ न‌ कर पाएगा तेरा

चाहे बैठा राजधानी में

इसकी क्या औकात की तेरे

इरादे पर वार करे

फौलाद की मिट्टी बना हुआ तू

तूफानों को जार करे

भला बताओ पर्वत कोई

राह से अपने हटता है

बांधा आंधी दरिया से डर कर

अपना राह बदलता है

जब प्रकृति का अदना बालक

इतना साहस रखता है

तुम धरती के युग पुरुष त

ुमको भी ना झुकना है

दीवारें तो आएंगी ही

इनको भेद निकलना है

अन्दर के इस लौह पुरुष को

हिमालय सा बनना है॥

किरण मिश्रा #निधि#

आधे-अधूरे मिसरे/ प्रसिद्ध पंक्तियाँ

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4 Comments

अदिति झा

17-Jul-2023 12:20 AM

Nice 👍🏼

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बेहतरीन प्रेरित करती हुई रचना

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Alka jain

06-Jul-2023 09:06 AM

Nice

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